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Thursday, May 31, 2012

Mann was written for an NGO dedicated to adult learning and for kids who dropped out of school because of some reasons and then were being brought back to education..
मन्न













कोरे पन्नो को सियाही से रंगने का मन 
पुरानी किताबे ही सही पर नए कवर से सजाने का मन 
टिफिन में मै भी रोज़ अच्छा अच्छा खाना ले जाऊँगा
पढ़ाई के साथ साथ दोस्त नए नए बनाऊँगा
ABCD मै भी सीखू, टीचर को बुलाऊंगा 'मैम'
नाम मेरा भी छोटा करके सब बुलाएँगे मुझे संभव की जगह 'सैम
नयी शरारते और नए खेल कोई मुझे भी सिखा दे 
वोह बचपन जो कही रह गया था, कोई फिर मुझे लौटा दे 
इस क्लास में सभी मुझसे छोटे हैं पर मुझे शर्म नहीं हैं आज  
पढ़ाई दुबारा शुरू कर पाने की ख़ुशी हैं इतनी की परे हैं सारी लाज  
झुक गयी थी यह नज़रे एक बार जब छूटी थी पढ़ाई  
दुनिया ने कहा अनपढ़ और दुसरे बच्चो ने मेरी हसी उड़ाई  
आज फिर मिला हैं बड़ी मुश्किल से एक अवसर  
इस बार नहीं झुकूंगा की आते नहीं हैं ऐसे मौके अक्सर  
पढ़ लिख कर कुछ बन के दिखाऊंगा  
कड़ी मेहनत से भगवान् का दिल भी पिघ्लाऊँगा  
ताकि आज के बाद जब कोई माँ बाबा से पूछे की " बेटा क्या करता हैं?"  
तोह शान से वो भी सर उठा के कहे "हमारा बच्चा स्कूल में पढ़ता हैं"  


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