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Monday, February 1, 2010


मुख्तलिफ

आज बद-इ-सबा ने मुह है मोड़ा‚ बाग़बान भी हुआ है बेगाना
बाइस जब पूछा मैने‚ तो कहता है की आलम का फरमान था मुझे भी निभाना
कल्ब की हर मशघूल थी ख़ालिस, तमऩना-इ-उड़ान जागी थी एक बार फिर
दम-साज़ थे सभी, इतिहाद कुछ ऐसा था कि खुदा भी था मुतासिर
पर फिरक़ाह फी बरपी एक ऐसी पाइऩदाह चिऩगारी
फना हुई मोहब्बत, किसी भी गैर की मौजूदगी बनी भारी
तसव्वुरी उड़ान की चाह मे, कभी तन्ग, कभी बाघी, कभी हुआ लाचार
पर मक्बूलियत ही है अब मुकद्दऱ, जब की लिहाज़ की हर सीमा हुई है पार
काबिल-ए-कबूल ना था दुनिया-ए-दस्तूर
ऱग पर था मुझे नाज़, रव्वैये मे था गुरूर
आफाक तक उड़ान की रखी थी ख्वाइश
पर बेरूनी रोख के नाम पे खूब हुई नुमाइश
किसी ने कावा कहा, किसी ने सियाही
मेरी बोली, मेरी उड़ान पर हर तरह से रोक लगाई
आबरू रिज़ी की शर्मिन्दगी का एहसास हुआ कुछ ऐसा गहरा
दर्द-ए-अफज़ाइश था इतना कि आइना भी पहचान ना पाया मेरा चहरा
आफताब-ए-नूर से आती थी शरम, फजर् का रहता मुझे इन्तज़ार
अफरोज़-ए-चिराग की पनाह मे छुपा, के अब वजूद भी था अध्यार
जाने क्यो उस चराग से कल्ब को थी एक अजीब सी चाह
शायद उसी के नूर से दमक उठे ये बेनूर आज़ूरदाह
इस बेगाने शहर की बेगान्गी अब बन गयी है मसला
के अब जन्नत और जहन्नुम मे कम हो रहा है फासला
आज बद-इ-सबा ने मुह है मोड़ा‚ बाघबान भी हुआ है बेगाना
बाइस जब पूछा मैने‚ तो कहता है की आलम का फरमान था मुझे भी निभाना


Word Meanings :
Mukhtalif = different/ various
bad-e-saba = pleasant breeze in d mrning
baees = reason
qalb=heart, mashghool = intent, Khalis =pure
damsaaz=friends, itihaad = unity, mutasir = impressed
firqah = caste/class, paindaah = lasting
fanaa =destroy
tasavoori udaan =ideal flight
maqbooliyat = acceptance
aafaq = horizon
berooni rokh = different look/color
kawa = crow, siyahi = color of ink
aabroo rizi = loss of respect
dard-e-afzaish = increasing pain
aaftaab-e-noor = sun’s light, fajr = dawn
aafroz –e-chiraag = lamp’s light, adhyaar = stranger
aazordaah = dejected
masla = problem